न तुमसे कुछ पाना चाहता हूँ यूँ ही बस आज़माना चाहता हूँ! तुम कोई प्यार भरी ग़ज़ल तो नहीं जाने क्यों गुनगुनाना चाहता हूँ! न तुमसे कुछ पाना चाहता हूँ यूँ ही बस आज़माना चाहता हूँ! बिन तेरे कामिल नहीं ज़िन्दगी मेरी संग तेरे इसका मुकम्मल ठिकाना चाहता हूँ! न तुमसे कुछ पाना चाहता हूँ यूँ ही बस ... Read More »
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मेरे बारे में कोई तो राय उनकी भी होगी उसने भी कभी मोहोब्बत की तो होगी नहीं चाहते हम इम्तेहा और इश्क में इम्तहाने इश्क में गलतिया हमने की तो होंगी रूठ कर यु ही नहीं चला जाता है अपना कोई रूठने की इजाज़त उसने हमसे मांगी तो होगी हर कोई दोस्त रहता नहीं बुरे वक़्त में लेकिन दोस्ती बुरे ... Read More »
बाअदब आँखों में गौहर छुपाए रखता हूँ
बाअदब आँखों में गौहर छुपाए रखता हूँ लबों पर अपने तबस्सुम सजाए रखता हूँ . मुक़म्मल आराम चाहती हैं थकी पलकें आख़िरी दिन लिए नींद बचाए रखता हूँ. कोई तन्हा छोड़ गया था मुझ दीवाने को उसी मोड़ पर मैं आँखे बिछाए रखता हूँ. चराग़ रौशन रखने हों जब देर तलक एहतियातन दूर उनसे हवाएँ रखता हूँ. बनानेवाले ने कैसे-कैसे ... Read More »
साँसे तो चलती रही
साँसे तो चलती रही पर कुछ रुका-रुका रहा जाने क्या बात हुई कि दिल ख़फ़ा-ख़फ़ा रहा. जाते-जाते, जो सितारा माथे पे सजाया तूने, वो चमकता तो रहा, पर कुछ बुझा-बुझा रहा. मौसम देखे हैं मैंने, बड़े मुख़्तलिफ़ बारहा, आज शाम का आलम बेहद जुदा-जुदा रहा. जिसे उंगली पकड़ के चलना सिखाया ‘रंजन, वही बेटा बड़ा होकर, हमसे कटा-कटा रहा. सर ... Read More »